Oscars 2021 Nominated Film
Oscars 2021
लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में फिल्म बिट्टू को शॉर्टलिस्ट किया गया है. फिल्म को टॉप 10 में जगह मिली है. वहीं, फीचर फिल्म फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भारत की आधिकारिक फिल्म जल्लीकट्टू को निराशा हाथ लगी है.
ऑस्कर (Oscars 2021) के लिए अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म की दौड़ से भारत की आधिकारिक प्रविष्टि 'जल्लीकट्टू' बाहर हो गयी है लेकिन अपनी लघु फिल्म 'बिट्टू' के साथ देश लघु फिल्म श्रेणी में अब भी मुकाबले में है. ऑस्कर अवॉर्ड 2021 के लिए दुनियाभर की फिल्मों के बीच कड़ी टक्कर चल रही है.
लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में फिल्म बिट्टू को शॉर्टलिस्ट किया गया है. फिल्म को टॉप 10 में जगह मिली है. वहीं, फीचर फिल्म फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भारत की आधिकारिक फिल्म जल्लीकट्टू को निराशा हाथ लगी है. लिजो जोस पेल्लीसेरी द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म 'जल्लीकट्टू' को मुकाबले के लिए 15 फिल्मों की अंतिम सूची में जगह नहीं मिली है.
जल्लीकट्टू: एक नजर में
इस श्रेणी में नामांकन के लिए 93 देशों की फिल्मों को योग्य पाया गया था. ‘जल्लीकट्टू’ हरीश की कहानी पर आधारित फिल्म है और इसमें एंटोनी वर्गीज, चेमबन विनोद जोस, साबूमन अब्दुसमद और सेंती बालचंद्रण ने भूमिका निभायी है.
टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 06 सितंबर 2019 को ‘जल्लीकट्टू’ का प्रदर्शन किया गया था और वहां लोगों ने इसकी जमकर सराहना की थी. करिश्मा देव दुबे के निर्देशन में बनी फिल्म ‘बिट्टू’ को ऑस्कर की ‘बेस्ट लाइव एक्शन शार्ट फिल्म’ श्रेणी की अंतिम सूची में जगह मिली है.
लघु फिल्म श्रेणी: एक नजर में
लघु फिल्म श्रेणी के लिए अंतिम सूची की 10 फिल्मों में बिट्टू के अलावा ‘डा येई’, ‘फिलिंग थ्रू’, ‘द ह्यूमन वॉइस’, ‘द किकस्लेड चोइर’, ‘द लेटर रूम’, ‘द प्रजेंट’, ‘टू डिस्टेंट स्ट्रेंजर्स’, ‘द वैन’ और ‘व्हाइट आई’ शामिल हैं.
बिट्टू की कहानी: एक नजर में
बिट्टू की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है. इसमें दो लड़कियों के बीच दोस्ती को दिखाया गया है. एकेडमी अवार्ड के लिए अंतिम नामांकन की घोषणा 15 मार्च को की जाएगी. ‘जल्लीकट्टू’ के दौड़ से बाहर होने के साथ भारत के लिए इस श्रेणी में एक बार फिर रास्ता बंद हो गया है.
सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फिल्म
भारत की तरफ से आखिरी बार आशुतोष गोवारीकर की ‘लगान’ ने साल 2001 में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फिल्म की श्रेणी में अंतिम पांच में जगह बनाई थी. उससे पहले भारत की दो फिल्में ‘मदर इंडिया’ (1958) और ‘सलाम बाम्बे’ (1989) आखिरी पांच फिल्मों की सूची तक पहुंची थीं.
Comments
Post a Comment